PM Modi ने Protocol तोड़ कर मांगी माफी, फिर देखिये क्या हुआ?
एक एक दिन में पीएम मोदी चार से पांच रैलियां कर रहे हैं। यहां तक कि जब वो नवरात्रि में नौ दिनों के उपवास पर थे। उस वक्त भी आराम करने की बजाए पीएम मोदी ने पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करना बेहतर समझा। यहां तक कि 16 अप्रैल के दिन तो पीएम मोदी ने एक दिन में ही पांच रैलियां की। जिनमें एक रैली उन्होंने बिहार के गया में भी की। जहां उन्हें अचानक प्रोटोकॉल तोड़ना पड़ गया..!

बीजेपी ने अबकी बार चार सौ पार का नारा दिया है। तो इस नारे को हकीकत में बदलने के लिए चुनाव प्रचार भी धुआंधार करना होगा। और ये बात पीएम मोदी अच्छी तरह से जानते हैं इसीलिये बंगाल। बिहार। असम। राजस्थान। सब एक किये हुए हैं। एक एक दिन में पीएम मोदी चार से पांच रैलियां कर रहे हैं। यहां तक कि जब वो नवरात्रि में नौ दिनों के उपवास पर थे। उस वक्त भी आराम करने की बजाए पीएम मोदी ने पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करना बेहतर समझा। यहां तक कि 16 अप्रैल के दिन तो पीएम मोदी ने एक दिन में ही पांच रैलियां की। जिनमें एक रैली उन्होंने बिहार के गया में भी की। जहां उन्हें अचानक प्रोटोकॉल तोड़ना पड़ गया।
दरअसल पीएम मोदी नवरात्रि के दिनों में पूरे नौ दिनों का उपवास करते हैं। और हर बार की तरह इस बार भी भीषण गर्मी में उन्हें ये उपवास रखना पड़ा। ऐसे वक्त में पीएम मोदी चाहते तो आराम कर सकते थे। लेकिन उन्होंने खुद से ज्यादा अपनी पार्टी के लिए मेहनत करना बेहतर समझा। और व्रत होने के बावजूद 16 अप्रैल को पीएम मोदी ने एक ही दिन में तीन राज्यों में चार रैलियां और एक रोड शो किया। जिसकी शुरुआत उन्होंने बिहार के गया जिले से की। पीएम मोदी की ये पहली रैली थी। इसके बाद उन्हें तीन रैलियां और एक रोड शो करना था। लेकिन मंच पर भी नेताओं के भाषण का एक प्रोटोकॉल होता है। उसी के तहत नेता भाषण देते हैं। गया में भी पीएम मोदी से पहले बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा को भाषण देना था। जिनके नाम का ऐलान भी हो चुका था। लेकिन तभी अचानक पीएम मोदी मंच पर पहुंच गये। जिसे देख कर जहां हर कोई दंग रह गया। तो वहीं मंच संचालन करने वाली महिला भी घबरा गई। जब उन्हें बताया गया कि विजय सिन्हा नहीं पीएम मोदी भाषण देने जा रहे हैं।
रैली को संबोधित करने के लिए प्रोटोकॉल के तहत डिप्टी सीएम विजय सिन्हा को बुलाया गया। लेकिन तमाम प्रोटोकॉल तोड़ कर अचानक पीएम मोदी मंच पर पहुंच गये। और भाषण देने से पहले ही उन्होंने माफी मांगते हुए कह दिया। मुझे आज आसाम तक पहुंचना है। पांच रैलियां करनी है। इसीलिये मैं सारे प्रोटोकॉल तोड़ कर यहां पहुंच गया।
पीएम मोदी को इस बात का अहसास हो गया था कि उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़ कर गलती की है। इसीलिये एक प्रधानमंत्री होने के बावजूद उन्होंने इस बात के लिए लोगों से माफी भी मांगी। और फिर इसके बाद भोजपुरी में ही अपना भाषण भी शुरू किया।
16 अप्रैल को गया कि इस रैली के तुरंत बाद पीएम मोदी बिहार के पूर्णिया जिले में पहुंच गये जहां उन्होंने एक रैली को संबोधित किया। इसके बाद बंगाल में दो रैलियां की।बलूरघाट और रायगंज में। ताबड़तोड़ चार चुनावी रैलियां करने के बाद पीएम मोदी असम की राजधानी गुवाहाटी चले गये। जहां उन्होंने एक भव्य रोड शो भी किया।
73 साल की उम्र होने के बावजूद पीएम मोदी इस चुनाव में कितने व्यस्त हैं। अपनी पार्टी को जिताने के लिए कितना पसीना बहा रहे हैं। ये आप इसी बात से समझ सकते हैं कि उन्होंने सिर्फ एक दिन में ही तीन राज्यों में चार रैलियां और एक रोड शो किया। और जनता के बीच जाकर खुद अपनी सरकार के काम को गिनाया। उसी काम के दम पर वोट भी मांगा। और जब पीएम मोदी की इसी मेहनत के दम पर बीजेपी प्रचंड बहुमत हासिल करती है। तो विपक्ष बहाना बनाने लगता है कि ईवीएम की वजह से मोदी जीत रहे हैं। उन्हें पीएम मोदी की मेहनत नहीं दिखती। पीएम मोदी से पहले मनमोहन सिंह भी दस साल तक प्रधानमंत्री रहे। क्या आपने कभी उन्हें अपनी पार्टी कांग्रेस के लिए इतनी चुनावों में इस तरह से पसीना बहाते हुए देखा है। अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं। साथ ही गया की इस रैली में पीएम मोदी ने और क्या कुछ कहा। आइये आपको सुनाते हैं।