मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बताकर फर्जीवाड़ा करने वाला फ्रॉड अनस मलिक गिरफ्तार
गाजियाबाद पुलिस ने एक फर्जी अधिकारी को गिरफ्तार किया है, जो खुद को मानवाधिकार आयोग और नीति आयोग का अध्यक्ष बताकर उत्तर प्रदेश पुलिस से वीआईपी ट्रीटमेंट ले रहा था। आरोपी की पहचान अनस मलिक के रूप में हुई है। जानिए पूरा माजरा

ऐसे तौर-तरीके, रौब-रूतबे देखकर कोई भी चखमा खा जाएगा। सुट-बुट पहने इस व्यक्ति का नाम है अनस मलिक। जो खुद को मानवाधिकार आयोग और नीति आयोग का अध्यक्ष बताकर उत्तर प्रदेश पुलिस से VIP Treatment लेता था। हालांकि उसकी चालाकी का भंडाफोड़ गाजियाबाद पुलिस ने कर लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया है।
कैसे चलाता था फर्जीवाड़ा?
अनस मलिक खुद को बड़ा अधिकारी दिखाता था। इसके लिए वो सफेद कपड़े पहनता और फर्जी अर्दली लेकर घुमता। बड़ी ही चालाकी के साथ लोगों से मिलता और अपना रूतबा दिखाकर चखमा देता। उसकी चालाकी को पुलिसकर्मी और अधिकारी तक नहीं पकड़ पाते। अनस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी खुद को मानवाधिकार आयोग और नीति आयोग का अध्यक्ष बताकर फर्जी जानकारी फैलान को काम किया। और इसी रौब को दिखाकर वो अक्सर सरकारी महकमो में VIPTreatment भी लेता रहा।
फोर सीलिंग का रह चुका है कर्मचारी!
खुद को अध्यक्ष बताने वाला अनस मलिक पहले फोर सीलिंग में काम करता था। दसवी तक पढ़ा अनस अपने आप को प्रभावशाली व्यक्ति दिखाता और बड़े पदों का नाम का इस्तेमाल कर पुलिस और अलग अलग सरकारी विभागों से फायदा उठाता रहा।
अनस के खेल का कैसे हुआ पर्दाफाश?
दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 8 नवंबर को जिलाधिकारी कार्यालय गाजियाबाद से अनस मलिक, अध्यक्ष मानव अधिकार न्याय आयोग, उत्तर प्रदेश, कार्यालय, पता 608 गोमतीनगर लखनऊ के दो दिवसीय मुरादाबाद, अमरोहा, हापुड़, गाजियाबाद, नोएडा भ्रमण का कार्यक्रम जिला गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर को भेजा गया। पत्र में अनस को एस्कॉर्ट, यातायात, सुरक्षा आदि की व्यवस्था समय से कराया जाने के बारे में लिखा गया था। इस पर अनस मलिक और उसके संलग्न भ्रमण कार्यक्रम की जांच कवि नगर थाना पुलिस ने की तो सारी सच्चाई सामने आ गई।गाजियाबाद पुलिस को अनस की गतिविधियों पर शक हुआ। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जिसमें पता चला की ये आदमी फर्जी है। झूठे रौब दिखाकर सरकारी संस्थानों से फायदा उठाता है। जिसके बाद पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब जांच कर रही है कि इसने फर्जीवाड़े से कितने लोगों के साथ धोखाधड़ी की ? क्या क्या फायदा उठाया और इसके फर्जी अर्दली और अन्य मददगारों की तलाश कर रही है।
India News Stream में छपे एक रिपोर्ट के अनुसार गिरफ्तारी के बाद अनस ने बाताय कि उसने फर्जी कागजात बनवाकर खुद को अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया। इस फर्जीपहचान के जरिए आरोपी ने कई काम करवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था। कुछ दिन पहले सिपाही भर्ती परीक्षा में भी कई उम्मीदवारों को झांसा देकर admit card लिए थे। मेरिट लिस्ट से नौकरी जब लग जाती थी तब उनसे भी पैसे वसुलता था। खैर अब इस फर्जी अध्यक्ष का खेल समाप्त हो चुका है। पुलिस जांच में जुटी है और आगे की कार्रवाई जारी है।