Team India के लिए उमड़े जनसैलाब से बौखलाई Neha Singh Rathore ने ये क्या कह दिया
Neha Singh Rathore ने मोदी योगी सरकार से नफरत करने का सिलसिला जो शुरू किया था। वो अब देश का तिरंगा पूरी दुनिया में लहराने वाले खिलाड़ियों से नफरत में बदल गया है। इसीलिये वर्ल्ड कप जीतने वाले खिलाड़ियों का स्वागत भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

Neha Singh Rathore : का बा। गाकर थोड़ी बहुत चर्चा पाने वालीं Neha Singh Rathore के बारे में तो आप भी जानते ही होंगे। क्योंकि कभी लोकगायिका की पहचान रखने वालीं नेहा सिंह राठौर अब लोकगीत गाते गाते। लगता है नफरती मानसिकता वाली हो गई हैं। इसीलिये मोदी योगी सरकार से नफरत करने का सिलसिला जो शुरू किया था। वो अब देश का तिरंगा पूरी दुनिया में लहराने वाले खिलाड़ियों से नफरत में बदल गया है। इसीलिये वर्ल्ड कप जीतने वाले खिलाड़ियों का स्वागत भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
दरअसल 29 जून को जब वेस्टइंडीज में टीम इंडिया ने क्रिकेट के मैदान में साउथ अफ्रीका को धूल चटाकर वर्ल्डकप भारत के नाम किया तो। हर भारतवासी टीम इंडिया की इस जीत पर खुशी से झूम उठा। पूरे देश जश्न के माहौल में डूबा हुआ था। तो वहीं एक शख्स ऐसा भी था । जिसे टीम इंडिया की जीत पर खुशी कम। नफरत ज्यादा हो रही थी। ये कोई और नहीं। लोकगायिका नेहा सिंह राठौर थीं। जो मोदी से नफरत में इस कदर डूब गई हैं कि टीम इंडिया के वर्ल्डकप जीतते ही एक ट्वीट में लिखा।
"क्रिकेट के ओवरडोज़ ने युवाओं की बुद्धि खराब कर दी है, शाह के लड़के को यूं ही सचिव नहीं बनवाया गया था, ग्लैडिएटर फिल्म देखी है? जब भी बड़ा घोटाला करना होता था, रोम में बड़े-बड़े खेलों का आयोजन किया जाता था, जनता अपनी बर्बादी और दुख भूलकर खेलों में डूबी रहती थी और इधर खेला हो जाता था, देश का भी वही हाल कर दिया गया है ।
जिस हिंदुस्तान में क्रिकेट को एक धर्म की तरह देखा जाता है। जिस हिंदुस्तान के दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। उसी हिंदुस्तान में नेहा सिंह राठौर जैसी मानसिकता वाले लोग भी रहते हैं। जो क्रिकेट से बेइंतहा नफरत करती हैं।और इसी नफरत की झलक उनके इस ट्वीट में दिखी।जो यहीं तक सीमित नहीं रही। उस वक्त भी देखने को मिली जब। 4 जुलाई को जब मुंबई में विश्व विजेता खिलाड़ियों के भव्य स्वागत के लिए सड़कों पर भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा।
वर्ल्डकप जीत कर लौटी टीम इंडिया के स्वागत में उमड़ा ये जनसैलाब लगता है नेहा सिंह राठौर को बर्दाश्त नहीं हुआ। वो ये जनसैलाब देख कर इस कदर चिढ़ गईं कि क्रिकेट प्रेमियों की इस भीड़ को बेरोजगारों की भीड़ बताते हुए एक पोस्ट में लिख दिया।
"सुनो बेरोजगारों, दूसरों के विजय जुलूस में शामिल होकर कब तक अपने हालात से मुंह छुपाओगे? कब तक बेगानी शादी में अब्दुल्ला बने रहोगे? अपने रोजगार और नौकरी के लिए संघर्ष करो, खुद विजेता बनो "
नेहा राठौर के इस पोस्ट पर पूर्व बीजेपी विधायक दिनेश चौधरी ने लिखा। "अच्छा बताओ नेहा राठौर, तुमने ये किस विधि से पता किया कि इस भीड़ में मौजूद सभी लोग बेरोजगार हैं, विरोध की भी हद होती है"
गौतम यादव नाम के एक एक्स यूजर ने तो लिखा।" ये लोगों की भीड़ से नहीं जल रही है ये लोग चाहते थे भारत नहीं जीतता फिर मोदी जी को ट्रोल करने का मौका मिल जाता इसलिए जल रही है"
रितेश माहेश्वरी नाम के एक यूजर ने नेहा सिंह राठौर को जवाब देते हुए लिखा। "ये कोई चुनावी रैली नहीं है ये लोगों का प्रेम है, ये मुंबई है यहां तुम्हारे जैसे बेरोजगार नहीं मिलते हैं यहां लोग मेहनत करते हैं और जिंदगी जीते हैं, अफवाह की दुकान खोलकर नहीं बैठे हैं "
क्रिकेटप्रेमियों के इस जनसैलाब को बेरोजगारों की भीड़ बताने वालीं नेहा सिंह राठौर को अब ये कौन समझाए कि ये जरूरी नहीं कि इस भीड़ में हर कोई बेरोजगार ही हो। इन क्रिकेट प्रेमियों में कोई आई टी कंपनी में जॉब करता होगा । कोई सरकारी नौकरी करता होगा। तो कोई । कुछ ना कुछ काम जरूर करता होगा। लेकिन लोकगायिका नेहा सिंह राठौर को क्रिकेट प्रेमियों का ये जनसैलाब बेरोजगारों की भीड़ लगती है। और जब यही भीड़ खुद नेहा सिंह राठौर के कार्यक्रम में आती है तो। ये भीड़ बेरोजगारों की भीड़ नहीं जनसैलाब हो जाती है। ऐसा लगता है उन्हें सुनने के लिए आने वाला हर कोई डीएम कलेक्टर होता है । तभी तो। एक दिसंबर साल 2023 को किये गये एक ट्वीट में नेहा सिंह राठौर ने लिखा। "भीड़ नहीं थी । जनसैलाब था वो, इतनी मुहब्बत का शुक्रिया समस्तीपुर, आभार ।
नेहा सिंह राठौर का ये ट्वीट देख कर समझ सकते हैं कि वो किस कदर दोहरी मानसिकता वालीं लोकगायिका हैं। जब उनके लिए भीड़ उमड़े तो वो जनसैलाब प्यार है। और जब यही जनसैलाब विश्व विजेता खिलाड़ियों के लिए उमड़े तो।नेहा सिंह राठौर के लिए ये खिलाड़ियों के लिए मोहब्बत नहीं ।बेरोजगारों की भीड़ है।