सपा सांसद Iqra Hasan ने Imran Pratapgarhi से शादी को लेकर क्या कहा ?

इकरा हसन, जो लंदन रिटर्न हैं, दरअसल एक राजनीतिक परिवार से आती हैं। उनके दादा अख्तर हसन, पिता मुनव्वर हसन और मां तबस्सुम हसन लोकसभा से सांसद रहे हैं, जबकि उनके भाई नाहिद हसन तीन बार विधायक रह चुके हैं। अब खुद 30 साल की इकरा हसन कैराना से चुनाव जीतकर सांसद बन गई हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने पढ़ाई भी पूरी की और राजनीति में भी बड़ा पद हासिल किया। हालांकि, उन्होंने अभी तक शादी नहीं की है, यही वजह है कि सोशल मीडिया पर उनकी शादी के बारे में अक्सर चर्चाएं होती रहती हैं। उनका नाम अक्सर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी से जोड़ा जाता है, जो एक शायर और कांग्रेस के सांसद हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि,क्या वाकई इकरा हसन और इमरान प्रतापगढ़ी की शादी होने वाली है? क्या इकरा हसन खुद इमरान प्रतापगढ़ी से शादी करना चाहती हैं
इकरा हसन ने इन अफवाहों को पूरी तरह से खारिज करते हुए शालिनी कपूर तिवारी के एक पॉडकास्ट में कहा कि,"इन बातों में बिल्कुल कोई सच्चाई नहीं है, ऐसी गलत अफवाहें किसी भी व्यक्ति या लड़की के बारे में फैलाना बहुत गलत है। मुझे यह सब देखकर बहुत अफसोस होता है। मैं गुजारिश करना चाहती हूं कि ऐसी वीडियो बनाना बंद कर दें, मुझे और मेरे परिवार को इन सब से बहुत तकलीफ होती है।"
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी से शादी की अफवाहों को तो इकरा हसन ने "कोरी बकवास" करार दिया, तो फिर सवाल यह उठता है कि आखिर इकरा हसन शादी करेंगी तो कब करेंगी? इस पर इकरा ने मुस्कुराते हुए कहा,
"मुझे भविष्य का नहीं पता, लेकिन अभी शादी करने का कोई ख्याल नहीं है। मुझे कैराना के लोगों ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर मेरा ध्यान है। मेरा पूरा ध्यान अभी अपने काम पर और अपनी जिम्मेदारी पर है। बाकी चीजों के लिए न अभी वक्त है, न मेरा इंटरेस्ट है। शादी जब होनी होगी, हो जाएगी, लेकिन अभी मैं अपने काम पर फोकस कर रही हूं। अगर शादी नहीं भी होती तो भी कोई बात नहीं।"
महज 30 साल की उम्र में सपा के टिकट से सांसद बनकर इकरा हसन आज संसद में पहुंच चुकी हैं। लेकिन इसके लिए उन्होंने जमीन पर भी मेहनत की है। 2016 में उन्होंने पहली बार राजनीति में कदम रखा और जिला पंचायत का चुनाव लड़ा, लेकिन वह पांच हजार वोटों से हार गईं। फिर, 2022 में जब उनके भाई नाहिद हसन ने जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा, तो इकरा हसन ने चुनाव प्रचार की पूरी कमान अपने हाथ में ले ली और नाहिद हसन को जीत दिलवाई। शायद यही वजह थी कि उनकी सियासी काबिलियत को देखते हुए अखिलेश यादव ने उन्हें कैराना से लोकसभा का टिकट दिया। और बीजेपी को हराकर, उन्होंने पहली बार में ही जीत हासिल की और संसद पहुंच गईं।