MAD Honey: एक ऐसा रहस्यमय शहद जो आपको बना सकता है 'पागल'
आज हम बात कर रहे हैं एक अद्भुत और रहस्यमय शहद कि जिसे "मैड हनी" कहा जाता है, के इर्द-गिर्द घूमती है। यह शहद, जिसे विशेष प्रकार की जंगली मधुमक्खियों द्वारा बनाया जाता है, अपने अद्वितीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यह शहद केवल उन स्थानों पर पाया जाता है, जहां जंगली पौधों से निकले नीलमणि जैसे फूलों का बड़ा उत्पादन होता है

MAD Honey: आमतौर पर शहद को स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक खास प्रकार का शहद ऐसा भी होता है जिसे खाने के बाद इंसान 'पागल' हो सकता है? इसे मैड हनी के नाम से जाना जाता है। यह कोई साधारण शहद नहीं है, बल्कि इस हनी का सेवन करने से लोगों के व्यवहार में अनोखे बदलाव भी देखे जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर क्या है यह मैड हनी, इसे खाने से क्या होता है, और यह कहाँ पाया जाता है।
क्या है मैड हनी?
मैड हनी एक विशेष प्रकार का शहद है जो सामान्य शहद से बिल्कुल अलग होता है। यह शहद विशेष रूप से राइोडोडेंड्रोन नामक फूलों के परागकण से बनता है, जो कि पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। राइोडोडेंड्रोन पौधे में ग्रयानोटॉक्सिन नामक विषाक्त तत्व होता है, जो इसे विशिष्ट बनाता है। जब मधुमक्खियाँ इस पौधे के फूलों से परागकण लेकर शहद बनाती हैं, तो शहद में भी यह विषाक्त तत्व मिल जाता है, जिससे यह साधारण शहद से अधिक प्रभावी और खतरनाक बन जाता है।
मैड हनी का सेवन करने से क्या होता है?
मैड हनी का सेवन करने के बाद व्यक्ति के शरीर में कुछ विशेष बदलाव देखने को मिलते हैं, जैसे कि बेहोशी, मैड हनी के सेवन से कई बार लोगों को हल्की बेहोशी आने लगती है। भ्रमित होना, इसका सेवन करने से मानसिक भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके अलावा इस हनी को खाने से सांस लेने में कठिनाई भी होती है, कहते है इसमें मौजूद ग्रयानोटॉक्सिन तत्व रक्तचाप को तेजी से कम कर देता है जिससे सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है, और अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह दिल की धड़कनों को धीमा कर देता है, जिससे हृदय गति असामान्य हो जाती है। इन सभी प्रभावों को मिलाकर इसे 'हैलुसिनोजेनिक हनी' भी कहा जाता है, जो सेवन करने वाले व्यक्ति को हल्के से लेकर गहरे मतिभ्रम में डाल सकता है।
कहाँ पाया जाता है मैड हनी?
मैड हनी को बनाने वाली मधुमक्खियाँ अधिकतर तुर्की, नेपाल, और भूटान के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती हैं। तुर्की के ब्लैक सी क्षेत्र, विशेष रूप से इसके उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। इन इलाकों में राइोडोडेंड्रोन पौधों की प्रचुरता के कारण यहाँ की मधुमक्खियाँ इस फूल से परागकण एकत्र करती हैं और मैड हनी का निर्माण करती हैं। नेपाल और भूटान के पहाड़ी क्षेत्रों में भी मैड हनी पाया जाता है। इस शहद को पाने के लिए मधुमक्खी पालक और शहद संग्राहक बेहद खतरनाक और दुर्गम पहाड़ियों पर चढ़ते हैं। इन पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाने वाले पौधे और उनकी विषाक्तता इसे खास बनाते हैं। वैसे आपको बता दें कि मैड हनी का उपयोग सदियों से विशेष अवसरों और उपचारों में किया गया है। कई संस्कृतियों में इसे एक दवा के रूप में उपयोग किया जाता था। प्राचीन काल में, खासकर तुर्की और नेपाल में इसका उपयोग दर्द निवारक के रूप में और एंटीबायोटिक गुणों के कारण किया जाता था।
इतिहासकारों के अनुसार, इस शहद का उपयोग युद्ध में दुश्मनों को कमजोर करने के लिए भी किया गया था। 67 ईसा पूर्व में पोंटस के राजा मिथ्रिडेट्स ने रोमन सैनिकों को मैड हनी खिला दी थी, जिससे वे भ्रमित हो गए और युद्ध में हार गए।
मैड हनी का सेवन कितना सुरक्षित है?
मैड हनी का सेवन बहुत ही सीमित मात्रा में और सावधानीपूर्वक करना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन करने से यह हानिकारक हो सकता है और जान का जोखिम भी हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसे केवल एक चम्मच या इससे भी कम मात्रा में लेना सुरक्षित है, वह भी डॉक्टर की सलाह के साथ।
हालांकि मैड हनी का सेवन खतरनाक है, फिर भी इसका इस्तेमाल औषधीय गुणों के कारण किया जाता है।
उपचार में उपयोग होता है मैड हनी
उच्च रक्तचाप: इसका सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक माना गया है।
गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत: पुराने समय से इसे दर्द निवारक के रूप में उपयोग किया जाता रहा है।
यौन स्वास्थ्य में सुधार: कुछ संस्कृतियों में इसे यौन स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
मैड हनी की बढ़ती मांग और इसकी क़ीमत
मैड हनी की विषाक्तता के बावजूद, इसकी मांग दुनिया भर में लगातार बढ़ रही है। इसका एक कारण इसके औषधीय गुण हैं और दूसरा इसकी दुर्लभता। यह आसानी से हर जगह उपलब्ध नहीं होता और इसकी मात्रा भी सीमित होती है। तुर्की और नेपाल जैसे क्षेत्रों से इसका निर्यात किया जाता है, जहाँ इसकी कीमत सामान्य शहद की तुलना में कई गुना अधिक है। मैड हनी की कीमत बाजार में 10,000 से 15,000 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है। इसका उत्पादन बहुत कम मात्रा में होता है और इसे प्राप्त करने में काफी जोखिम भी होता है, जिससे इसकी कीमत ऊँची होती है।
मैड हनी एक अनोखा और शक्तिशाली शहद है, जिसके फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। अगर इसका सेवन संतुलित मात्रा में और ध्यानपूर्वक किया जाए तो यह कुछ औषधीय लाभ दे सकता है। लेकिन यह भी सच है कि यह एक खतरनाक खाद्य पदार्थ है।