इज़रायली ख़ुफिया एजेंसी मोसाद ने कैसे किया हिज़बुल्ला के कम्युनिकेशन नेटवर्क को तबाह, लेबनान में हुआ एक घंटे तक पेजर ब्लास्ट!
इज़रायली ख़ुफिया एजेंसी मोसाद ने कैसे किया हिज़बुल्ला के कम्युनिकेशन नेटवर्क को तबाह, लेबनान में हुआ एक घंटे तक पेजर ब्लास्ट!

Israel और हमास के बीच जंग अब और ख़तरनाक मोड़ लेता जा रहा है। बीते दिन लेबनान के स्थानीय समय दोपहर के 3.30 बजे हिज़बुल्ला के कम्युनिकेशन डिवाइस ‘पेजर’ में हुए धमाके में क़रीब 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 4000 से ज़्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। ये धमाका इतना भयावह था कि लोगों को क़रीब 1 घंटे तक धमाके की आवाज़ सुनाई देती रही।
क्या है पेजर?
पेजर एक ऐसा डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल मैसेज भेजने और रिसीव करने के लिए किया जाता है। पेजर डिवाइस में रेडियो सिग्नल के जरिए टेक्स्ट मैसेज को सेंड और रिसीव करता। यह अपने समय में काफी लोकप्रिय था। पिछले साल ही हिज़बुल्ला ने अपने कमांडरों को मोबइल की जगह पेजर का इस्तेमाल करने का आदेश दिया था, क्योंकि इज़रायल उसके गुर्गों की लाइव लोकेशन भी ट्रैक कर ले रहा था। आपको बता दें कि पेजर को हैक करना आसान है जबकि ट्रैक करना मुश्किल है। वहीं, मोबाइल में सेफ़्टी फ़ीचर्स जैसे कि इंड टू इंड इनक्रिप्शन के कारण मैसेज को एनकोड करना थोड़ा मुश्किल है। हालाँकि ऐसा कहना कि एंड्रॉइड और iOS डिवाइस को हैक ही नहीं किया जा सकता है ये ग़लत होगा।
किसने किया पेजर में ब्लास्ट?
अभी तक किसी भी संगठन और देश ने इस धमाके की ज़िम्मेदारी नहीं ली है। हालाँकि हिज़बुल्ला ने इस हमले का ज़िम्मेदार इज़रायल को ठहराया है। मोसाद पर पेजर को हैक कर इसमें धमाका करने का आरोप लगा है। मीडिया ख़बरों, मसलन स्काई न्यूज़ अरबिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ मोसाद ने हिज़बुल्ला के पेजर के अंदर PETN (PETN- यानी Pentaerythritol Tetranitrate, एक अत्यधिक विस्फोटक रासायनिक सब्सटेंस) फ़िट किया था, जिसका वजन क़रीब 20 ग्राम के क़रीब था। इस डिवाइस के ज़रिए पेजर की बैट्री का तापमान बढ़ाकर हमले को अंजाम दिया गया।
मीडिया ख़बरों के मुताबिक़ AP924 मॉडल पेजर की ये खेप एक ताइवानी कंपनी द्वारा लेबनान भेजी गई थी। मोसाद ने इसी सप्लाई चेन को डिस्टर्ब किया और विस्फोटक लगा दिया। इसी बीच इस डिवाइस में एक मैसेज आया और तीन बार बीप की आवाज़ के साथ ही ब्लास्ट शुरू हो गए।
किस-किस की इस धमाके में हुई मौत?
इस सिलसिलेवार धमाके में हिज़बुल्ला के कमांडरों के अलावा एक लेबनानी सांसद के बेटे की भी मौत हुई है। वहीं एक ईरानी राजदूत को अपनी एक आंख गँवानी पड़ी है। इसके अलावा हिज़बुल्ला के टॉप कमांडरों के घर वाले भी घायल हुए हैं लेकिन वो ख़तरे से बाहर बताए जा रहे हैं। मौत का आँकड़ा बढ़ भी सकता है।
मोसाद क्या है?
दुनिया की सबसे ख़तरनाक ख़ुफ़िया एजेंसी मानी जाने वाली इज़रायल की मोसाद का खौफ़ पूरी दुनिया में है। इसे इज़रायल का फ्रंट लाइन या मेन लाइन ऑफ डिफ़ेंस भी कहा जाता है। ये एजेंसी अपने देश के दुश्मनों को उनके घर में चाहे वो दुनिया के किसी कोने में हो, उसे चुपके से मार गिराने के लिए जानी जाती है। सटीक लेकिन गुप्त अटैक और एलिमिनेशन के लिए पहचानी जानी वाली मोसाद का गठन 13 December 1949 को हुआ था। इसने अब तक एक से बढ़कर एक कोवर्ट ऑपरेशन किए हैं। मोसाद ने सिक्स डे वॉर से लेकर म्यूनिख ओलंपिक में मारे गए इज़रायली आतंकियों से बदला लेने और एंटी हाईजैकिंग, ईरान और सिरिया के परमाणु ठिकानों पर हमलों से लेकर मिस्त्र के साथ जंग में भी अपना अहम योगदान दिया है।