सरकार 1 बच्चा पैदा करने पर दे रही 8 लाख रुपये, जानें इसके पीछे की वजह
रूस, जो कभी वैश्विक महाशक्ति था, आज जनसंख्या संकट से जूझ रहा है। यूक्रेन युद्ध और घटती जन्म दर के कारण रूस की आबादी बहुत कम हो गई है। इस समस्या को हल करने के लिए, रूस की सरकार ने एक अनोखा कदम उठाया है।

आजकल रूस में एक हैरान करने वाला ऑफर सामने आया है – "एक बच्चा पैदा करो और 8 लाख रुपये लो।" यह सिर्फ एक मजाक नहीं है, बल्कि एक गंभीर और सोची-समझी सरकारी योजना है, जो युवतियों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है। रूस में गिरती जन्म दर और घटती जनसंख्या के संकट से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि एक ऐसा देश जो कभी महाशक्ति हुआ करता था, आज इस स्थिति में क्यों पहुंचा है? चलिए जानते हैं, रूस के इस ऑफर के पीछे की असल वजह और कैसे यह देश अपनी अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है।
रूस पर संकट
रूस का जन्म दर पिछले कुछ सालों में बहुत ही कम हो गया है। अगर रूस को अपनी आबादी बनाए रखना है, तो उसे अपनी जन्म दर को 2.1 बच्चा प्रति महिला के स्तर पर लाना होगा। लेकिन, इस वक्त रूस की जन्म दर केवल 1.5 बच्चा प्रति महिला है। इसे समझने के लिए यह आंकड़ा ही काफी है कि रूस की आबादी 25 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। यह गिरावट केवल प्राकृतिक कारणों से नहीं आई, बल्कि यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध और वहां पर हुए बड़े पैमाने पर सैनिकों की मौत ने भी स्थिति को और जटिल बना दिया है।
"बच्चा पैदा करो, 8 लाख रुपये लो"
रूस की सरकार ने अपने देश की युवतियों को इस गंभीर संकट से बाहर निकालने के लिए एक अनोखा कदम उठाया है। हाल ही में रूस के पश्चिमी निजनी नोवगोरोड ओब्लास्ट प्रांत की युवतियों के लिए एक मातृत्व अनुदान योजना की घोषणा की गई है। इस योजना के तहत, 18 से 23 साल की महिलाओं को हर बच्चे के जन्म पर 10 लाख रुबल (जो भारतीय मुद्रा में लगभग 8 लाख रुपये के बराबर है) देने का वादा किया गया है। यह ऑफर पहले और दूसरे बच्चे के लिए केंद्रीय निधि से दिया जाएगा, जबकि तीसरे और चौथे बच्चे के लिए क्षेत्रीय निधि से दिया जाएगा।
यह अनुदान योजना सरकार के एक बड़े उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाई गई है – देश की जनसंख्या को बढ़ाना और जन्म दर में सुधार करना। यह ऑफर खास तौर पर उन युवतियों के लिए है जो अपने परिवार को बढ़ाने की योजना बना रही हैं और साथ ही सरकार को भी अपनी आबादी के संकट से उबारने में मदद करना चाहती हैं।
रूस की बढ़ती जनसंख्या की समस्या
रूस की जनसंख्या की कमी की वजह केवल जन्म दर का गिरना नहीं है, बल्कि यूक्रेन युद्ध के चलते वहां पर भारी संख्या में सैनिकों की मौत हुई है। रूस के कई प्रमुख जवानों और सैनिकों की हताहत होने के कारण, युद्ध ने ना केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित किया, बल्कि घरेलू स्तर पर भी जनसंख्या को गंभीर रूप से प्रभावित किया। साथ ही, रूस के कई नागरिक भी युद्ध के कारण अपने घर छोड़कर भाग गए, जिससे आबादी में और गिरावट आई है।
यहां तक कि, युद्ध के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए रूस की सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें सेक्स मिनिस्ट्री की स्थापना भी शामिल है। यह मंत्रालय महिलाओं और पुरुषों को बच्चों की अधिकता के लिए प्रोत्साहित करेगा और इस बात का ध्यान रखेगा कि कामकाजी लोग बच्चों के जन्म के साथ-साथ अपने पेशेवर जीवन को भी संतुलित कर सकें।
व्लादीमीर पुतिन का कदम
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने इस संकट को गंभीरता से लिया है और जनसंख्या बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। पुतिन सरकार ने हाल ही में सेक्स मिनिस्ट्री बनाने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य महिलाओं और पुरुषों को ज्यादा से ज्यादा बच्चों के जन्म के लिए प्रेरित करना है। इस मंत्रालय की जिम्मेदारी फेडरेशन काउंसिल की अध्यक्ष वेलेंटिना मतविएन्को को सौंप दी गई है। इसके अलावा, रूस की सरकार ने कामकाजी महिलाओं को मातृत्व अवकाश बढ़ाने का भी फैसला लिया है, जिससे वे अपने काम और परिवार के बीच संतुलन बना सकें। सरकार ने मातृत्व अवकाश को लेकर कई नए नियम बनाए हैं, ताकि महिलाएं बच्चों को जन्म देने के बाद भी अपने करियर को आगे बढ़ा सकें।
यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि क्या रूस की यह अनोखी पहल कामयाब हो पाती है या नहीं। क्या इस ऑफर का असर जनसंख्या वृद्धि पर पड़ेगा या फिर यह एक और सरकारी योजना बनकर रह जाएगा? रूस की सरकार ने जनसंख्या संकट को हल करने के लिए बहुत ही साहसिक कदम उठाए हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या समाज इसे स्वीकार करेगा? यह ऑफर एक और बड़े सवाल को जन्म देता है – क्या लोगों को बच्चों के जन्म के लिए आर्थिक प्रोत्साहन देना सही है? या फिर यह एक ऐसा कदम है जो समाज में और भी गहरे बदलाव ला सकता है?